पुराने शिक्षकों की हेराफेरी से 20 हजार नौकरी से वंचित

पुराने शिक्षकों की हेराफेरी से 20 हजार नौकरी से वंचित
ब्रज किशोर दूबे|Feb 27, 2014, 05:42AM IST
पटना. राज्य में कुल 43 हजार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने टेट-एसटेट पास किया। लेकिन, इनमें से करीब 20 हजार को नौकरी नहीं मिली। वजह है-काउंसलिंग का सेंट्रलाइज नहीं होना। इस बार कैंपवार नियुक्ति पत्र बांटे गए।
इस वजह से 2012 में नौकरी पा चुके कई शिक्षकों ने टेट रिजल्ट का कलर स्कैन करा लिया और इस साल लगे कैंप में शामिल होकर मनचाही जगह नौकरी पा ली। ऐसे अभ्यर्थियों की वजह से कटऑफ नीचे नहीं गया। क्योंकि, उनका कटऑफ बेहतर था। इसलिए पहले नौकरी भी मिली थी। नौकरी पा चुके ऐसे अभ्यर्थियों की जालसाजी से कम नंबर वाले टेट पास अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिला।स्कैन सर्टिफिकेट के सहारे शिक्षक पा रहे मनचाही जगह नौकरीइस वजह से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नहीं मिल रही जगह
प्राइमरी शिक्षक 1.68
लाख खाली पद 1.25
लाख पास हुए 70 हजार लोग बहाल हुए
माध्यमिक शिक्षक
17.5
हजार खाली पद
89
हजार लोग पास हुए
10
हजार लोग बहाल हुए
उच्च. माध्यमिक स्कूल
43
हजार खाली पद
20
हजार पास हुए
05
हजार लोग बहाल हुए

अनशन शुरू
नियोजन में हुई धांधली की मांग को लेकर मंगलवार से प्रशिक्षित शिक्षक अभ्यर्थी संघ के बैनर तले अभ्यर्थी आर ब्लॉक पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। इन्हीं का दावा है कि 20 हजार अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया की वजह से नौकरी नहीं मिली।

क्या है पूरा मामला
2005
में बहाल शिक्षकों की दक्षता पर जब सवाल उठे तो राज्य सरकार ने 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा लेकर शिक्षक बहाली करने फैसला किया। प्रारंभिक प्राथमिक, मध्य प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक के लिए गए शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगभग 32 लाख छात्रों ने भाग लिया। इस परीक्षा में पास अभ्यर्थियों में प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित दोनों थे। सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों से वादा किया था कि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नियोजन हो जाने के बाद खाली सीटों पर अप्रशिक्षितों का नियोजन किया जाएगा। लेकिन, प्रशिक्षितों को इस बार मौका नहीं मिला।

बेरोजगार हैं

सरकार ने शिक्षकों के नियोजन के लिए पूरे राज्य में 9000 नियोजन ईकाई का गठन किया। लेकिन एक-दूसरे में नियोजन ईकाई का संपर्क नहीं होने के कारण कटऑफ लिस्ट नीचे नहीं आ सका। 2012 के काउंसलिंग में कम माक्र्स होने के कारण जो प्रशिक्षित बहाल नहीं हो सके थे, वे आज भी बेरोजगार हैं।

प्राइमरी शिक्षकों ने ज्वाइन किया हाईस्कूल

कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जिनका कटऑफ हाई था। मौका नहीं मिला तो इन्होंने पहले प्राथमिक स्कूल ज्वाइन कर लिया। इस साल कैंप के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक की नौकरी छोड़ हाईस्कूल को ज्वाइन कर रहे हैं। इससे वहां की सीटें खाली रह जा रही हैं। इससे इन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ रहा, लेकिन अभ्यर्थियों की नौकरी इनके कारण रुक रही है।

यह गैरकानूनी है

स्कैन सर्टिफिकेट जमा कर नौकरी लेना गैरकानूनी है। शिकायत मिलने पर विभाग कार्रवाई करेगा। अभी तक किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। आरएस सिंह, संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग।